कितना मैं तुझे याद करता हूँ
खुदा से एक ही फरियाद करता हूँ
तुम्हे भूलने की हो जो कोशिश
तो पूरी नहीं हो मेरी ख्वाहिश
आहों से मेरी निकले ऐसी तपिश
दूर हो मौसम-ऐ-खलिश
उम्मीद है एक दिन ऐसा भी आएगा
जब मैं कौन हूँ ,तू जान जाएगा
Tuesday, May 5, 2009
Ani Ohev Otcha
Posted by mind hunter at 12:27 AM
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